| 1. | इसके अतिरिक्त तिल्ली का कठोर होकर सिकुड़ जाना।
|
| 2. | तिल्ली का बढ जाना व खून की कमी
|
| 3. | 30: प्लीहोदर (तिल्ली का बढ़ जाना)
|
| 4. | इससे तिल्ली का बढ़ना ठीक होता है।
|
| 5. | आपका तिल्ली का एक पापड़ तैयार है।
|
| 6. | इस लुगदी से 4 गुना काली तिल्ली का तेल लें।
|
| 7. | तिल्ली का तेल आवश्यक मात्रा में।
|
| 8. | मूली के रस में तिल्ली का तेल मिलाकर और उसे हल्का
|
| 9. | दो-तीन सप् ताह में तिल्ली का सूजन दूर हो जायेगा ।
|
| 10. | प्लीहा (स्प्लीन) की वृद्धि को स्प्लेनोमेगाली (प्लीहावृद्धि या तिल्ली का बढ़ना) कहते हैं.
|